अफीम की फलियों से अफीम निकालने के बाद बचा हुआ भूसा पोस्त भूसा होता है। इस पोस्ता भूसे में मॉर्फिन की मात्रा भी बहुत कम होती है और अगर पर्याप्त मात्रा में इसका इस्तेमाल किया जाए तो पोस्ता भूसा नशा दे सकता है। कुछ ऐसे भी पोस्त भूसे के आदी हैं जिन्हें पोस्त भूसा दिया जाता है।
पोस्त भूसे के कब्जे, बिक्री, उपयोग आदि को राज्य सरकारें राज्य एनडीपीएस नियमों के तहत नियंत्रित करती हैं। किसान पोस्त भूसा उन लोगों को बेचते हैं जिन्हें राज्य सरकार द्वारा पोस्त भूसा खरीदने के लिए लाइसेंस दिया गया है। किसी भी अतिरिक्त पोस्त भूसे को खेत में वापस जोत दिया जाता है।
पोस्त भूसा एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के तहत मादक दवाओं (नारकोटिक ड्रग्स) में से एक है। इसलिए, बिना लाइसेंस या प्राधिकरण के या लाइसेंस की किसी भी शर्त का उल्लंघन करके पोस्त भूसा रखने, बेचने, खरीदने या उपयोग करने वाले व्यक्ति पर एनडीपीएस अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।




