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विभाग के बारे में

राजस्व विभाग का नेतृत्व सचिव (राजस्व) द्वारा किया जाता है, जो केन्द्रीय वित्त मंत्री के समग्र निर्देशन और पर्यवेक्षण में कार्य करते हैं। यह दो वैधानिक बोर्ड, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के माध्यम से सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संघ करों से संबंधित मामलों के संबंध में निगरानी, ​​पर्यवेक्षण और प्रशासन का कार्य करता है। प्रत्येक बोर्ड का नेतृत्व एक अध्यक्ष करते हैं, जो भारत सरकार के पदेन विशेष सचिव (सचिव स्तर) भी होते हैं। प्रत्यक्ष करों के लगाने और संग्रहण से संबंधित सभी मामले सीबीडीटी द्वारा देखे जाते हैं, जबकि जीएसटी, सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और अन्य अप्रत्यक्ष करों के लगाने और संग्रहण से संबंधित मामले सीबीआईसी के दायरे में आते हैं। दोनों बोर्ड केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम, 1963 के तहत गठित किए गए थे। वर्तमान में, सीबीडीटी में छह सदस्य हैं और सीबीआईसी में छह सदस्य हैं।

 

इसके अलावा, भारत सरकार (कार्य आवंटन) नियमावली, 1961 के अनुसार विभाग को मुख्य रूप से निम्नलिखित संबंधित कार्य और जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं:

  • राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान को अनुदान सहायता;
  • विनिमय पत्र, चेक, वचन पत्र, लदान पत्र, ऋण पत्र, बीमा पॉलिसियां, शेयरों के हस्तांतरण, डिबेंचर, प्रॉक्सी और रसीदों पर स्टाम्प शुल्क;
  • आयकर (आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण से संबंधित मामलों को छोड़कर), निगोंद कर, पूंजीगत अभिलाभ कर, संपदा शुल्क, धन कर, व्यय कर, उपहार कर और रेलवे यात्री किराया अधिनियम से संबंधित मामले।
  • बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम 1988 (1988 का 45) का प्रशासन;
  • स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 (1985 का 61) का प्रशासन;
  • संघ राज्य क्षेत्रों में पूर्ववर्ती उत्पाद शुल्क कर का प्रशासन, अर्थात निम्नलिखित से संबंधित सभी मामले-
    • मानव उपभोग के लिए मादक शराब;
    • अफीम, कैनाबिस (भारतीय गांजा) और अन्य मादक पदार्थ और मादक पदार्थ;
    • oअफीम पोस्त की खेती, ऐसे अफीम और पोस्त के भूसे से अफीम व्युत्पन्नों का विनिर्माण, ऐसी अफीम और अफीम क्षारीय की बिक्री और उस पर नियंत्रण से संबंधित सभी मामले।
    • स्वापक औषधियों, मन:प्रभावी पदार्थों और अग्रगामी रसायनों के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों, समझौतों, प्रोटोकॉल आदि से संबंधित सभी मामले, जिनके निपटान के लिए राजस्व विभाग और इसके अधीन संगठन अधिकृत हैं, सिवाय गृह मंत्रालय को आवंटित मामलों के।
  • सीमा शुल्क (समुद्र, वायु और भूमि) से संबंधित सभी मामले जिनमें सीमा शुल्क टैरिफ अधिनियम, 1975 (1975 का 51), टैरिफ मूल्यांकन, सीमा शुल्क सहयोग परिषद, सीमा शुल्क नामकरण और इसी तरह के मामले, आयातित या निर्यात किए गए माल पर शुल्क; सीमा शुल्क अधिनियम के तहत आयात और निर्यात पर निषेध और प्रतिबंध; और सीमा शुल्क टैरिफ की व्याख्या शामिल हैं;
  • माल और सेवा कर (जीएसटी) और पूर्ववर्ती केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1985 (1986 का 5) और सेवा कर प्रशासन से संबंधित मामले;
  • विदेशी मुद्रा के संरक्षण एवं संवर्धन तथा तस्करी गतिविधियों एवं उससे संबंधित मामलों की रोकथाम के प्रयोजनों के लिए निवारक नजरबंदी (सीओएफईपीओएसए);
  • धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 का प्रशासन;
  • प्रवर्तन, अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (1999) के तहत उल्लंघनों से उत्पन्न मामलों की जांच और न्यायनिर्णयन; राजस्व आसूचना महानिदेशालय और प्रवर्तन निदेशालय;
  • आर्थिक आसूचना जानकारी से संबंधित सभी मामले;
  • तस्कर और विदेशी मुद्रा हेरफेरकर्ता (संपत्ति जब्ती) अधिनियम, 1976 (एसएएपईएमए) द्वारा शामिल किए गए सभी मामले;
  • न्यायाधिकरण से संबंधित सभी मामले:
    • आईटीएटी
    • एटी एसएएपईएमए
    • सीस्टेट
    • पीएमएलएटी
    • जीएसटीएटी
  • अधीनस्थ संगठनों के लिए स्थापना, सतर्कता, नियुक्ति, भर्ती नियम आदि से संबंधित मामलों पर काम करना, अर्थात:
    • आयकर विभाग
    • सीमाशुल्क विभाग
    • वस्तु एवं सेवा कर विभाग
    • प्रवर्तन निदेशालय
    • केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो
    • मुख्य कारखाना नियंत्रक (जीओएडब्लू नीमच और गाज़ीपुर)
    • केंद्रीय आर्थिक आसूचना ब्यूरो
    • वित्तीय आसूचना इकाई
    • माल और सेवा कर नेटवर्क
    • स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थों में अवैध तस्करी रोकथाम विभाग

The Department of Revenue is led by the Secretary (Revenue) under the overall direction and supervision of the Union Finance Minister. It exercises monitoring, supervision and administry in respect of matters relating to all the Direct and Indirect Union Taxes through two statutory Boards namely, the Central Board of Direct Taxes (CBDT) and the Central Board of Indirect Taxes and Customs (CBIC). Each Board is headed by a Chairman who is also ex-officio Special Secretary to the Government of India. Matters relating to the levy and collection of all Direct Taxes are looked after by the CBDT whereas those relating to levy and collection of Customs and Central Excise duties and other Indirect Taxes fall within the purview of the CBIC. The two Boards were constituted under the Central Board of Revenue Act, 1963. At present, the sanctioned strength of the respective Boards i.e. CBDT and CBIC have six members each. The Members are also ex-officio Special Secretaries to the Government of India.