किसानों द्वारा उत्पादित अफीम गोंद को केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) के अधिकारियों द्वारा खरीदा जाता है तथा सरकारी अफीम एवं क्षारोद कारखाना (जीओएडब्ल्यू) को हस्तांतरित कर दिया जाता है। दो जीओएडब्लू (GOAW) हैं, एक गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) में और दूसरा नीमच (मध्य प्रदेश) में। प्रत्येक जीओडजब्लू (GOAW) में एक अफीम फैक्ट्री और एक क्षारोद प्लांट है। अफीम फैक्ट्रियाँ निर्यात के लिए अफीम को सुखाती हैं और क्षारोद प्लांट में इस्तेमाल करती हैं। क्षारोद प्लांट अफीम से क्षारोद निकालते हैं और उन्हें दवाइयों के निर्माताओं को बेचते हैं।
जीओएजब्लू के विषय में अधिक जानकारी जीओएडब्लू
अफीम के एल्कलॉइड के निर्माण के लिए अन्य कंपनियों को लाइसेंस देना
विभिन्न एल्कलॉइड्स में से कोडीन फॉस्फेट की सबसे अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है। दो जीओएडब्लू (GOAW) द्वारा कोडीन फॉस्फेट का कुल उत्पादन भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसलिए, हम हर साल कोडीन फॉस्फेट का आयात किया जाता है।
सरकार ने निजी उत्पादकों को भारतीय अफीम से एल्कलॉइड के उत्पादन के लिए लाइसेंस देने की अनुमति देने के लिए नियमों में ढील दी है, यदि ऐसा करना सार्वजनिक हित में हो और अंतर्राष्ट्रीय संधियों, सम्मेलनों या प्रोटोकॉल के तहत भारत के दायित्वों के अनुरूप हो। इसके अलावा, सरकार ने निजी कंपनियों को पोस्ता भूसे (सीपीएस) का सांद्रण बनाने और उससे एल्कलॉइड बनाने की अनुमति देने की प्रक्रिया भी शुरू की है।
वैध खेती
विषय | प्रकाशन की तारीख | डाउनलोड़ |
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ट्रैक्ट अधिसूचना : (2011) | 10/12/2015 | pdf iconTN2010.pdf (131 KB) |