Primary Color
Default
Red
Blue
Green

हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में वैट प्रशासन के कम्प्यूटरीकरण के लिए परियोजना

इन दोनों राज्यों के वैट प्रशासन के कम्प्यूटरीकरण के लिए एक परियोजना को मंजूरी दी गई है जिसकी कुल परियोजना लागत 40.49 करोड़ रुपए है, जिसमें से केंद्रीय सहायता का हिस्सा 25.33 करोड़ रुपये है। शेष राशि इन राज्यों द्वारा प्रदान की जानी है। जम्मू एवं कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश के लिए वैट कम्प्यूटरीकरण का दायित्व इन राज्यों के अनुरोध पर राज्य वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति को सौंपा गया है।

परियोजना में निम्नलिखित ऑनलाइन सेवाओं का प्रावधान शामिल है:

डीलरों की सुविधा के लिए 

  • मूल्य वर्धित कर (वैट) और केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) अधिनियमों के तहत ऑनलाइन पंजीकरण
  • वैट, सीएसटी और व्यावसायिक कर रिटर्न की ऑनलाइन फाइलिंग
  • व्यावसायिक कर सहित पेशेवर करों का ऑनलाइन भुगतान
  • सीएसटी से संबंधित घोषणा प्रपत्र/प्रमाणपत्र जारी करने के लिए ऑनलाइन आवेदन
  • वे (डव्लूएवाई) बिल जारी करने के लिए ऑनलाइन आवेदन
  • प्रपत्रों और वे (डव्लूएवाई) बिलों के संबंध में उपयोगिता विवरण ऑनलाइन प्रस्तुत करनाई-सेवाओं तक पहुँचने के लिए यूजर आईडी तथा पासवर्ड का स्व-सृजन
  • ई-सेवाओं तक पहुँचने के लिए उपयोगकर्ता-आईडी और पासवर्ड का स्व-निर्माण
  • ऑनलाइन डीलर की प्रोफ़ाइल
  • कंप्यूटर-सहायता प्राप्त निर्धारण
  • सामान्य पोर्टल सेवाएँ, आदि
  • सुरक्षित लॉगिन और डिजिटल प्रमाणपत्रों के माध्यम से डाउनलोड करने के लिए वैधानिक प्रपत्र ऑनलाइन उपलब्ध होंगे
  • शिकायतों का ऑनलाइन पंजीकरण
 

विभाग के प्रशासन के लिए 

  • डीलरों द्वारा प्रस्तुत आवेदनों और सूचनाओं को मान्य करने के लिए ऑटो व्यवसाय नियम
  • डीलर की जानकारी में परिवर्तन होने पर संबंधित सेक्टर कार्यालय को स्वतः चेतावनी
  • रिटर्न की पूरी जानकारी के साथ संबंधित सेक्टर अधिकारी को रिटर्न की जानकारी
  • डीलर द्वारा प्रस्तुत रिटर्न का स्वतः जोखिम विश्लेषण
  • आईटीसी सत्यापन के लिए बिक्री/खरीद विवरण का स्वतः मिलान/बेमेलता
  • निर्धारण अधिकारी द्वारा डीलर का निर्धारण करने के लिए वार्षिक रिटर्न डेटा का स्वतः निर्माण
  • डीलर के बही-खाते का स्वतः निर्माण और संबंधित अधिकारियों तक सुरक्षित पहुंच
  • रिफंड राशि पर देय ब्याज की स्वतः गणना
  • डीलर की बकाया देनदारियों की स्वतः गणना और ऑफसेटिंग
  • सुनवाई की तारीखों का स्वतः निर्धारण
  • 360 डिग्री दृश्य देने के लिए एमआईएस रिपोर्टिंग
 

परियोजना गतिविधियों के लिए राजस्व विभाग द्वारा 31 जनवरी, 2011 तक ईसी को 7.00 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है। परियोजना की प्रगति की नियमित आधार पर निगरानी करने के लिए केंद्रीय स्तर के साथ-साथ राज्य स्तर पर परियोजना निगरानी समितियां स्थापित की गई हैं। वित्त वर्ष 2010-11 की पिछली दो तिमाहियों में परियोजना गतिविधियों ने गति पकड़ी है। उम्मीद है कि परियोजना के तहत नियोजित अधिकांश सेवाएं दिसंबर, 2011 तक मिलनी शुरू हो जाएंगी।