Primary Color
Default
Red
Blue
Green

परिचय (केंद्रीय बिक्री कर)

संविधान (छठा संशोधन) अधिनियम, 1956 के माध्यम से संविधान में कुछ संशोधन किए गए:

  1. अंतर-राज्य व्यापार या वाणिज्य के दौरान वस्तुओं की बिक्री या खरीद पर करों को स्पष्ट रूप से संसद के विधायी क्षेत्राधिकार के दायरे में लाया गया।
  2. राज्य के भीतर वस्तुओं की बिक्री या खरीद पर कर लगाने के संबंध में राज्य विधानसभाओं की शक्तियों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है, जहां वस्तुएं अंतर-राज्य व्यापार या वाणिज्य में विशेष महत्व की हों।
 

इस संशोधन ने संसद को यह निर्धारित करने के लिए सिद्धांत तैयार करने का अधिकार भी दिया कि कब कोई बिक्री या खरीद अंतर-राज्य व्यापार या वाणिज्य के दौरान या निर्यात या आयात के दौरान या किसी राज्य के बाहर होती है।

तदनुसार, केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) अधिनियम, 1956 अधिनियमित किया गया जो दिनांक 05.01.1957 को लागू हुआ। मूल रूप से, सीएसटी की दर 1% थी, जिसे पहले 2%, फिर 3% और 1 जुलाई, 1975 से बढ़ाकर 4% कर दिया गया। केंद्रीय बिक्री कर अधिनियम, 1956 में कुछ वस्तुओं को अंतर-राज्य व्यापार या वाणिज्य में विशेष महत्व का घोषित करने तथा ऐसी वस्तुओं पर कराधान पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है। सीएसटी के तहत अर्जित संपूर्ण राजस्व उस राज्य द्वारा एकत्र और सुरक्षित रखा जाता है जहां से बिक्री शुरू होती है। इस अधिनियम में आयात और निर्यात पर कर को शामिल नहीं किया गया है।

सीएसटी एक मूल आधारित कर है, जो मूल्य वर्धित कर (वैट) से असंगत है, जो एक गंतव्य आधारित कर है, जिसमें अंतर्निहित इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड होता है। केन्द्रीय बिक्री कर अधिनियम में संशोधन करके पंजीकृत व्यापारियों के बीच अन्तर-राज्य बिक्री के लिए केन्द्रीय बिक्री कर की दर को 4% से घटाकर 3% कर दिया गया, जो 1 अप्रैल, 2007 से प्रभावी होगी। इस संशोधन के माध्यम से सरकारी विभागों द्वारा प्रपत्र-घ में रियायती सीएसटी दर पर अंतर-राज्य खरीद की सुविधा वापस ले ली गई है। इस संशोधन के बाद सरकार को अंतर-राज्य बिक्री पर सीएसटी की दर वैट/राज्य बिक्री कर दर के समान होगी।

1 जून, 2008 से केन्द्रीय बिक्री कर की दर को 3% से घटाकर 2% कर दिया गया है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने से पहले सीएसटी की दर को पहले 4% से घटाकर 3% तथा फिर 3% से घटाकर 2% किया गया है, क्योंकि सीएसटी जीएसटी की अवधारणा और डिजाइन के साथ असंगत होगा।